Movie/Album: दिल अपना और प्रीत पराई (1960)
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: मो.रफ़ी
जाने कहाँ गई, जाने कहाँ गई
दिल मेरा ले गई, ले गई वो
जाने कहाँ गई...
देखते-देखते क्या से क्या हो गया
धड़कनें रह गईं, दिल जुदा हो गया
जाने कहाँ गई...
आज टूटा हुआ दिल का ये साज़ है
अब वो नग्में कहाँ सिर्फ़ आवाज़ है
जाने कहाँ गई...
घूटता रहता ना दम, जान तो छूटती
काश कहता कोई, वो मोहब्बत न थी
जाने कहाँ गई...
हाल क्या है मेरा, आ के खुद देख जा
अब तेरे हाथ है जीना-मरना मेरा
जाने कहाँ गई...
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: मो.रफ़ी
जाने कहाँ गई, जाने कहाँ गई
दिल मेरा ले गई, ले गई वो
जाने कहाँ गई...
देखते-देखते क्या से क्या हो गया
धड़कनें रह गईं, दिल जुदा हो गया
जाने कहाँ गई...
आज टूटा हुआ दिल का ये साज़ है
अब वो नग्में कहाँ सिर्फ़ आवाज़ है
जाने कहाँ गई...
घूटता रहता ना दम, जान तो छूटती
काश कहता कोई, वो मोहब्बत न थी
जाने कहाँ गई...
हाल क्या है मेरा, आ के खुद देख जा
अब तेरे हाथ है जीना-मरना मेरा
जाने कहाँ गई...
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