सोचो के झीलों का शहर हो - Socho Ke Jheelon Ka Sheher Ho (Udit, Alka, Mission Kashmir)

Movie/Album: मिशन कश्मीर (2000)
Music By: शंकर-एहसान-लॉय
Lyrics By: समीर
Performed By: उदित नारायण, अलका याग्निक

देखो देखो, क्या मैं देखूँ
सोचो सोचो, सोचूँ मैं क्या ओ ओ

सोचो के झीलों का शहर हो
लहरों पे अपना एक घर हो
हम जो देखें सपने प्यारे, सच हों सारे
बस और क्या
सोचो के झीलों का...

फ़र्श हो प्यार का, खुश्बूओं की दीवारें
हम जहां बैठ के, प्रेम से दिन गुज़ारें
पलकें उठें, पलकें झुकें
देखे तुझे बस ये नज़र
सोचो के झीलों का...

बुम्बरो बुम्बरो श्याम रंग बुम्बरो
आए हो किस बगिया से तुम?

बर्फ़ ही बर्फ़ हो, सर्दियों का हो मौसम
आग के सामने, हाथ सेकते हों हम
बैठी रहूँ आग़ोश में
रख के तेरे कांधे पे सर
सोचो के झीलों का...

छोटा-सा झीलों का शहर था
उस पे हमारा एक घर था
तुम थे हम थे
न ये ग़म थे
क्या था क्या से
क्या हो गया

1 comment :

  1. It is not a complete song
    Last lines is , please add
    छोटा-सा झीलों का शहर था
    उस पे हमारा एक घर था
    तुम थे हम थे,
    न ये ग़म थे
    क्या था क्या से
    क्या हो गया।

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