Movie/Album: मुग़ल-ए-आज़म (1960)
Music By: नौशाद अली
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: लता मंगेशकर
ये दिल की लगी कम क्या होगी
ये इश्क़ भला कम क्या होगा
जब रात है ऐसी मतवाली
फिर सुबह का आलम क्या होगा
नग़मो से बरसती है मस्ती, छलके हैं खुशी के पैमाने
आज ऐसी बहारें आई हैं, कल जिनके बनेंगे अफ़साने
अब इससे ज्यादा और हसीं
ये प्यार का मौसम क्या होगा
जब रात है ऐसी...
ये आज का रंग और ये महफ़िल, दिल भी है यहाँ दिलदार भी है
आँखों में कयामत के जलवे, सीने में तड़पता प्यार भी है
इस रंग में कोई जी ले अगर, मरने का उसे ग़म क्या होगा
जब रात है ऐसी...
हालत है अजब दीवानों की, अब खैर नहीं परवानों की
अन्जाम-ए-मोहब्बत क्या कहिये, लय बढ़ने लगी अरमानों की
ऐसे में जो पायल टूट गयी, फिर ऐ मेरे हमदम क्या होगा
जब रात है ऐसी...
Music By: नौशाद अली
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: लता मंगेशकर
ये दिल की लगी कम क्या होगी
ये इश्क़ भला कम क्या होगा
जब रात है ऐसी मतवाली
फिर सुबह का आलम क्या होगा
नग़मो से बरसती है मस्ती, छलके हैं खुशी के पैमाने
आज ऐसी बहारें आई हैं, कल जिनके बनेंगे अफ़साने
अब इससे ज्यादा और हसीं
ये प्यार का मौसम क्या होगा
जब रात है ऐसी...
ये आज का रंग और ये महफ़िल, दिल भी है यहाँ दिलदार भी है
आँखों में कयामत के जलवे, सीने में तड़पता प्यार भी है
इस रंग में कोई जी ले अगर, मरने का उसे ग़म क्या होगा
जब रात है ऐसी...
हालत है अजब दीवानों की, अब खैर नहीं परवानों की
अन्जाम-ए-मोहब्बत क्या कहिये, लय बढ़ने लगी अरमानों की
ऐसे में जो पायल टूट गयी, फिर ऐ मेरे हमदम क्या होगा
जब रात है ऐसी...
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