चमकते चाँद को टूटा - Chamakte Chand Ko Toota (Ghulam Ali, Awaargi)

Movie/Album: आवारगी (1990)
Music By: अनु मालिक
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: गुलाम अली

चमकते चाँद को टूटा हुआ तारा बना डाला
मेरी आवारगी ने मुझको आवारा बना डाला

बड़ा दिलकश, बड़ा रँगीन, है ये शहर कहते हैं
यहाँ पर हैं हज़ारों घर, घरों में लोग रहते हैं
मुझे इस शहर की गलियों का बंजारा बना डाला
चमकते चाँद को टूटा...

मैं इस दुनिया को अक्सर देखकर हैरान होता हूँ
न मुझसे बन सका छोटा सा घर, दिन रात रोता हूँ
खुदाया तूने कैसे ये जहां सारा बना डाला
चमकते चाँद को टूटा...

मेरे मालिक, मेरा दिल क्यूँ तड़पता है, सुलगता है
तेरी मर्ज़ी, तेरी मर्ज़ी पे किसका ज़ोर चलता है
किसी को गुल, किसी को तूने अंगारा बना डाला
चमकते चाँद को टूटा...

यही आग़ाज़ था मेरा, यही अंजाम होना था
मुझे बरबाद होना था, मुझे नाकाम होना था
मेरी तक़दीर ने मुझको, तक़दीर का मारा बना डाला
चमकते चाँद को टूटा...

5 comments :

  1. Is
    True
    Lyrics
    Tere marji pe kis ka jor chal tha hai

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  2. मेरे मालिक, मेरा दिल क्यूँ तड़पता है, सुलगता है
    तेरी मर्ज़ी, तेरी मर्ज़ी पे किसका ज़ोर चलता है
    किसी को गुल, किसी को तूने अंगारा बना डाला
    चमकते चाँद को टूटा हुआ तारा बना डाला
    मेरी आवारगी ने मुझको आवारा बना डाला ...

    मैं इतना ही कहना चाहूंगा ....की
    बहुत ही खूबसूरत गजल है तारीफ लफ़्ज़ों में बयां नहीं होगी


    (बिछड़ गए तो ये दिल उम्र भर लगेगा नही
    लगेगा लगने लगा है मगर लगेगा नही

    नही लगेगा उसे देख कर मगर खुश है वो
    मैं खुश नही हूँ मगर देख कर लगेगा नही) 💔


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  3. बिछड़ कर उसका दिल ♥️ लग भी गया तो क्या लगेगा
    वो थक जाएगा और मेरे गले से आ लगेगा
    मे मुश्किल मे तुम्हारे काम आऊ या ना आऊ
    मुझे आवक दे लेना तुम्हे अच्छा लगेगा




    डॉक्टर जावेद शैख

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  4. मेरे दिल के बेहद करीब ये ग़ज़ल ❤️

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