अहल-ए-दिल यूँ भी - Ahl-e-Dil Yun Bhi (Bhupinder, Lata, Dard)

Movie/Album: दर्द (1947)
Music By: खैय्याम
Lyrics By: नक्श ल्यालपुरी
Performed By: भूपिंदर सिंह, लता मंगेशकर

अहल-ए-दिल यूँ भी निभा लेते हैं
दर्द सीने में छुपा लेते हैं

भूपिंदर सिंह
ज़ख्म जैसे भी मिले, ज़ख्मों से
दिल के दामन को सजा लेते हैं
दर्द सीने में...

अपने क़दमों पे मोहब्बत वाले
आसमानों को झुका लेते हैं
दर्द सीने में...

लता मंगेशकर
दिल की महफ़िल में उजालों के लिये
याद की शम्मा जला लेते हैं
दर्द सीने में...

जलते मौसम में भी ये दीवाने
कुछ हसीं फूल खिला लेते हैं
दर्द सीने में...

अपनी आँखों को बनाकर ये ज़ुबाँ
कितने अफ़साने सुना लेते हैं
दर्द सीने में...

जिनको जीना है मोहब्बत के लिये
अपनी हस्ती को मिटा लेते हैं
दर्द सीने में...

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