ये हम आ गए हैं कहाँ - Ye Hum Aa Gaye Hain Kahan (Udit Narayan, Lata Mangeshkar, Veer Zaara)

Movie/Album: वीर ज़ारा (2004)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: उदित नारायण, लता मंगेशकर

लहराती हुई राहें, खोले हुए हैं बाँहें
ये हम आ गए हैं कहाँ
पलकों पे गहरे हलके, है रेशमी धुंधलके
ये हम आ गए हैं कहाँ

वो देखो ज़रा, पर्बतों पे घटायें
हमारी दास्ताँ, हौले से सुनाये
सुनो तो ज़रा, ये फूलों की वादी
हमारी ही कोई, कहानी है सुनाती
सपनों के इस नगर में, यादों की रहगुज़र में
ये हम आ गए हैं कहाँ...

जो राहों में है, रुत ने सोना बिखेरा
सुनहरा हुआ, तेरा-मेरा सवेरा
ज़मीं सो गयी, बर्फ की चादरों में
बस इक आग सी, जलती है दो दिलों में
हवाएँ सनासनाए, बदन काँप जाएँ
ये हम आ गए हैं कहाँ..

ये बरसात भी, कब थामें कौन जाने
तुम्हें मिल गए, प्यार के सौ बहाने
सितारों की है, जैसे बरात आई
हमारे लिए, रात यूँ जगमगाई
सपने भी झिलमिलायें, दिल में दीये जलायें
ये हम आ गए हैं कहाँ...

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