सुन जा दिल की दास्तां - Sun Ja Dil Ki Dastan (Hemant Kumar, Lata Mangeshkar, Jaal)

Movie/Album: जाल (1952)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: हेमंत कुमार, लता मंगेशकर

लता मंगेशकर, हेमंत कुमार
ये रात ये चाँदनी फिर कहाँ
सुन जा दिल की दास्तां
चाँदनी रातें प्यार की बातें
खो गयी जाने कहाँ

आती है सदा तेरी, टूटे हुए तारों से
आहट तेरी सुनती हूँ, खामोश नज़ारों से
भीगी हवा, उमड़ी घटा, कहती है तेरी कहानी
तेरे लिये, बेचैन है, शोलों में लिपटी जवानी
सीने मे बलखा रहा है धुआं
सुन जा दिल की...

लहरों के लबों पर हैं, खोये हुए अफ़साने
गुलज़ार उम्मीदों के, सब हो गये वीराने
तेरा पता, पाऊं कहाँ, सूने हैं सारे ठिकाने
जाने कहाँ, गुम हो गये, जा के वो अगले ज़माने
बरबाद है आरज़ू का जहाँ, सुन जा दिल की दास्तां

हेमंत कुमार
ये रात ये चाँदनी फिर कहाँ
सुन जा दिल की दास्ताँ

पेड़ों की शाखों पे सोई-सोई चाँदनी
तेरे खयालों में खोई-खोई चाँदनी
और थोड़ी देर में, थक के लौट जाएगी
रात ये बहार की, फिर कभी न आएगी
दो एक पल और है ये समां
सुन जा दिल की...

लहरों के होंठों पे धीमा-धीमा राग है
भीगी हवाओं में ठंडी-ठंडी आग है
इस हसीन आग में, तू भी जलके देख ले
ज़िंदगी के गीत की, धुन बदल के देख ले
खुलने दे अब धड़कनों की ज़बाँ
सुन जा दिल की...

जाती बहारें हैं, उठती जवानियाँ
तारों के छाँव में कहले कहानियाँ
एक बार चल दिये, गर तुझे पुकार के
लौटकर न आएंगे, क़ाफ़िले बहार के
आजा अभी ज़िंदगी है जवाँ
सुन जा दिल की...

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