किसी पत्थर की मूरत से - Kisi Patthar Ki Moorat Se (Mahendra Kapoor, Hamraaz)

Movie/Album: हमराज़ (1967)
Music By: रवि
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: महेंद्र कपूर

किसी पत्थर की मूरत से मुहब्बत का इरादा है
परस्तिश की तमन्ना है, इबादत का इरादा है

जो दिल की धड़कनें समझे, ना आँखों की जुबां समझे
नज़र की गुफ्तगू समझे, ना जज़बों का बयां समझे
उसी के सामने उसकी शिकायत का इरादा है
किसी पत्थर की मूरत...

सुना है हर जवां पत्थर के दिल में आग होती है
मगर जब तक ना छेड़ो, शर्म के परदे में सोती है
ये सोचा है कि दिल की बात उसके रूबरू कह दे
नतीजा कुछ भी निकले आज अपनी आरजू कह दे
हर इक बेजां तक़ल्लुफ़ से बगावत का इरादा है
किसी पत्थर की मूरत...

मुहब्बत बेरुखी से और भड़केगी वो क्या जाने
तबीयत इस अदा पे और फड़केगी वो क्या जाने
वो क्या जाने की अपना किस क़यामत का इरादा है
किसी पत्थर की मूरत...

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