तेरा चेहरा कितना सुहाना - Tera Chehra Kitna Suhana (Jagjit Singh, Unique)

Movie/Album: यूनिक (1996)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: कैफ भोपाली
Performed By: जगजीत सिंह

तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है
तेरे आगे चाँद पुराना लगता है

तिरछे तिरछे तीर नज़र के लगते हैं
सीधा सीधा दिल पे निशाना लगता है
तेरे आगे चाँद...

आग का क्या है पल दो पल में लगती है
बुझते बुझते एक ज़माना लगता है
तेरा चेहरा कितना सुहाना...

सच तो ये है फूल का दिल भी छलनी है
हंसता चेहरा एक बहाना लगता है
तेरा चेहरा कितना सुहाना...

माशूक का बुढ़ापा लज्ज़त दिला रहा है
अंगूर का मज़ा अब किशमिश में आ रहा है
बुझते बुझते...

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