घुंघरू टूट गए - Ghunghroo Toot Gaye (Pankaj Udhas, Ghazal)

Movie/Album: अनोखा (1989)
Performed By: पंकज उदास

मोहे आई ना जग से लाज
मैं इतना ज़ोर से नाची आज
कि घुंघरू टूट गए

कुछ मुझपे नया जोबन भी था
कुछ प्यार का पागलपन भी था
एक पलक मेरी तीर बनी
एक जुल्फ मेरी ज़ंजीर बनी
लिया दिल साजन का जीत
वो छेड़े पायलिया ने गीत
कि घुँघरू टूट गए...

मैं बसी थी जिसके सपनों में
वो गिनेगा अब मुझे अपनों में
कहती है मेरी हर अंगडाई
मैं पिया की नींद चुरा लायी
मैं बनके गई थी चोर
कि मेरी पायल थी कमज़ोर
कि घुँघरू टूट गए...

धरती पे ना मेरे पैर लगे
बिन पिया मुझे सब गैर लगे
मुझे अंग मिले अरमानों के
मुझे पंख मिले परवानों के
जब मिला पिया का गाँव
तो ऐसा लचका मेरा पांव
कि घुँघरू टूट गए...

2 comments :

  1. उपयोगी जानकारी देने के लिए आभार

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  2. सुंदर प्रस्तुति . आपका चिठ्ठा जगत में स्वागत है निरंतरता की चाहत है .. मेरा आमंत्रण स्वीकारें मेरे चिट्ठे पर भी पधारें

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