बन नहीं पाया - Ban Nahi Paya (Hariharan, Horizon)

Movie/Album: हॉराइज़न (1983)
Music By: हरिहरन
Lyrics By: मुमताज़ राशिद
Performed By: हरिहरन

बन नहीं पाया जो मेरा हमसफ़र कहना उसे
मैं नहीं आऊँगा अब के लौट कर कहना उसे
बन नहीं पाया...

उम्र जैसे रास्ते का बोझ बन कर रह गई
किस क़दर महंगा पड़ा है ये सफ़र कहना उसे
बन नहीं पाया...

जब वो बिछड़ा था तो ख़ाली हाथ कब रुख़सत किया
दे गया है शेर कहने का हुनर कहना उसे
बन नहीं पाया...

पहले 'राशिद' साथ चलने पर उसे राज़ी करो
फिर हवाओं में चराग़ों का सफ़र कहना उसे
बन नहीं पाया...

यूॅं सजा चाॅंद के छलका - Yun Saja Chand Ke Chhalka (Asha Bhosle, Meraj-e-Ghazal)

Movie/Album: मिराज-ए-ग़ज़ल (1983)
Music By: ग़ुलाम अली
Lyrics By: फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़'
Performed By: आशा भोसले

यूॅं सजा चाॅंद के छलका तेरे अंदाज़ का रंग
यूॅं फ़ज़ा महकी कि बदला मेरे हमराज़ का रंग
यूॅं सजा चाॅंद...

साया-ए-चश्म में हैराॅं रुख़-ए-रौशन का जमाल
सुर्ख़ी-ए-लब में परेशाँ तिरी आवाज़ का रंग
यूॅं फ़ज़ा महकी...

बे-पिए हूँ कि अगर लुत्फ़ करो आख़िर-ए-शब
शीशा-ए-मय में ढले सुबह के आग़ाज़ का रंग
यूॅं फ़ज़ा महकी...

चंग-ओ-नय रंग पे थे अपने लहू के दम से
दिल ने लय बदली तो मद्धम हुआ हर साज़ का रंग
यूॅं फ़ज़ा महकी...